पूरे जी-जान लगा देती है औरत, अपना घर बसाने के लिए! पूरे जी-जान लगा देती है औरत, अपना घर बसाने के लिए!
औरत औरत
अपने वजूद मे ,ज़िन्दा कहीँ, खुद को ढूढ़ रही वो, समाज के तानों से ,हर एक दिन जूझ रही वो। अपने वजूद मे ,ज़िन्दा कहीँ, खुद को ढूढ़ रही वो, समाज के तानों से ,हर एक दिन जूझ...
आखिर क्यों? आखिर क्यों?
कुछ लोगो के जाने के बाद ही उनके साथ की कीमत पता चलती है! कुछ लोगो के जाने के बाद ही उनके साथ की कीमत पता चलती है!
वो थी वो थी